जानिए क्या है सोलर पावर से जुड़े कुछ भ्रम और उनकी वास्तविकता

जानिए क्या है सोलर पावर से जुड़े कुछ भ्रम और उनकी वास्तविकता

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भारत विश्व में अनेक मायनों में अनोखा देश माना जाता है। अन्य विशेषताओं में से एक विशेषता यह भी है कि भारत की भूमि पर औसतन 300 से अधिक दिन तक सूर्य का प्रकाश मिलता है, जो पृथ्वी पर किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है। सरल शब्दों में कहा जाए तो भारत के पास सूर्य के रूप में शक्ति का सबसे बड़ा और प्रमुख स्त्रोत उपलब्ध है। इस सब के बावजूद भारत में सोलर पावर का इस्तेमाल बहुत कम है। जिसका मुख्य कारण सौर शक्ति संबंधित लोगों में फैले भ्रम हैं, जो पूरी तरह से बेबुनियाद है। इन भ्रमों के बारे जानने से पहले आइये जान लेते हैं कि सोलर क्या है। फिर उसके बाद हम जानेंगे कि सामान्य लोगों में सोलर एनर्जी को लेकर फैले भ्रम क्या है और इसके विपरीत उनकी वास्तविकता क्या है।

सोलर पावर क्या है :

भारत में बिजली के आगमन से पूर्व रोशनी के लिए दिये और मशालें रोशनी का प्राथमिक स्त्रोत थे। किन्तु समय के साथ जब देश में तकनीकी विकास का पहियां घूमा तो पहले कोयला और फिर पानी का उपयोग कर बिजली बनाने की कवायद शुरू हुई। आज के आधुनिक भारत में वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित कर ली है जिसका इस्तेमाल कर सूर्य के प्रकाश से बिजली बनाई जा सकती है। सूरज के प्रकाश से निकलने वाली इसी ऊर्जा को सौर ऊर्जा या सोलर पावर कहलाती है। सौर ऊर्जा बनाने की विधि अब तेजी फैल रही है। मगर इसे लेकर अभी भी बहुत से लोगों में ढेरों भ्रम हैं। आइये उनके बारे में जानते हैं।

सोलर पावर से जुड़े कुछ भ्रम और उनकी वास्तविकता:

एक रिपोर्ट के अनुसार सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा की मात्रा लगभग 5,000 ट्रिलियन किलोवॉट होती है। जिसका उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जा सकता है। कुदरत की इस अनमोल देन में निवेश कर आम लोग भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यहां तक की इसमे किसी भी प्रकार का मार्किट रिस्क नहीं है। इस सब के बावजूद लोग कुदरत की सौगात का इस्तेमाल करने से झिझकते हैं।

भ्रम 1. सोलर पावर के उपयोग की मुझे जरूरत नहीं है:

आधुनिक जीवनशैली में हर समय साथ देने वाले इनवर्टर आ गए हैं, जिनके कारण हम अपने घरों में बिजली की सप्लाई न होने पर भी ऐ.सी सहित हर प्रकार के इलेक्ट्रोनिक एप्लायंसेज चला सकते हैं। इसलिए हमे ऐसा लगने लगा है कि हमे सोलर एनर्जी की जरूरत नहीं है।

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सत्य:

अगर आप सोलर पावर में निवेश करके सौर ऊर्जा को अपने घर की बिजली का मुख्य स्त्रोत बनाते हैं तो यह एक लाभकारी निवेश सिद्ध हो सकता है। क्योंकि सोलर पावर से आपकी बिजली का ख़र्चा बहुत कम हो जाता है और साथ ही अतिरिक्त बिजली गवर्नमेंट को बेच कर आप मुनाफा भी कमा सकते हैं। इससे महज कुछ ही समय में आप सोलर सिस्टम पर निवेश की राशि की पूर्ति कर मुनाफा कमाने लगेंगे।

भ्रम2 : सौर शक्ति महंगी होती है

कुछ लोगों को लगता है कि सौर ऊर्जा बनाने के लिए आवश्यक उपकरण लगाने और उनकी देखभाल में बहुत खर्चा होता है।

सत्य:

वर्तमान समय में सोलर सिस्टम लगाने का खर्चा महज कुछ हज़ार रुपए रह गया है। जिसे एक मध्यमयवर्गी व्यक्ति बहुत सरलता से वहन कर सकता है। यहां तक सोलर पैनल लगवाने पर आपको भारत सरकार की ओर से सबसिडी एवं ईएमआई जैसे आकर्षक सुविधाएं भी दी जाती हैं।

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 भ्रम3: सौर ऊर्जा पर काम करना बहुत मुश्किल है

अधिकतर लोगों का मानना है कि सौर पैनल लगवाना और चलाना बहुत कठिन काम है। इसके लिए विशेष तकनीकी दक्षता की जरूरत होती है।

सत्य:

सोलर पैनल को लगवाना और चलाना उतना ही आसान है, जितना आपके घर में लगे किसी एसी या टीवी को चलाना। आपको केवल सोलर सिस्टम देने वाली कंपनी से संपर्क करना है। वह आपकी जरूरत के अनुसार सौर पैनल लगाने वाले स्थान का निरीक्षण करके पैनल को आपके घर की छत पर लगा देंगे। इसकी देखभाल के तौर पर आपको केवल हर 7 से10 दिन में पक्षियों द्वारा पैनल के ऊपर गिराने वाले अवशेष और कूड़े को साफ करना होता है।

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भ्रम 4 : मेरे एरिया में धूप नहीं है

कुछ लोग कहते है कि वह ऐसी जगह में रहते हैं, जहां धूप कम समय के लिए निकलती है। जैसे पहाड़ी क्षेत्र और अत्यधिक  ठंड इलाके।

सत्य:

यह सत्य है कि सोलर पैनल खिली हुई धूप में अधिक अच्छा काम करता है। लेकिन यह भी सच है कि बादलों से आती हुई धूप भी आपके सोलर पैनल में पहुँच कर ऊर्जा बना सकती है। जर्मनी जैसा देश जहां छह महीने बादल रहते हैं, वहाँ भी सोलर पावर का अधिकतम प्रयोग किया जाता है।

भ्रम 5: सोलर पैनल लगाने से मेरे घर की छत को नुकसान हो सकता है

लाखों रूपये खर्च करके बनाए घर की छत पर सोलर सिस्टम लगा कर उसका नुकसान करना मुझे पसंद नहीं है।

सत्य:

वर्तमान समय में सोलर पैनल को लगाने के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें छत को कम से कम नुकसान पहुंचता है। पैनल इंस्टाल करने लिए उन पुर्जों और उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जिससे घर में खिड़की, चिमनी और दरवाजे आदि लगाए जाते हैं।

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अंत में:

अपने इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताना चाहते हैं कि आपके लिए सोलर सिस्टम लगवाना हर मायने में लाभदायक सिद्ध होगा। आमतौर पर दो प्रकार के सोलर सिस्टम लगवाए जाते हैं। ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड सोल्यूल्शंस। ऑन-ग्रिड से न केवल आपके घर के उपकरणों को चल|ने लायक ऊर्जा बनती है, बल्कि बची हुई बिजली वापिस ग्रिड सप्लाई के द्वारा गवर्नमेंट को बेच कर मुनाफा भी कमाया जा सकता है। वहीं ऑफ-ग्रिड में सौर ऊर्जा बैटरी में स्टोर हो जाती है। इस स्टोर की गई सौर ऊर्जा का उपयोग आप कभी भी कर सकते हैं। बदलते समय के बदलते ऊर्जा समीकरण को पहचानते हुए अच्छा यही होगा कि सौर ऊर्जा से संबंधी मिथ्या भ्रम को त्याग कर आप जल्द ही अपने घर में सोलर सिस्टम लगवा लें। आशा करते हैं कि लेख में आपको सोलर सिस्टम क्या है, ये कैसे कार्य करता है और इसे लगवाकर कैसे लाभ प्राप्त किया जा सकता है, जैसे सभी सवालों के जवाब मिल गए होंगे।

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