धरती पर पड़ने वाली सूरज की रौशनी और उसमे मौजूद गर्मी ही सौर ऊर्जा कहलाती है। धरती पर सौर ऊर्जा ही एकमात्र ऐसा ऊर्जा स्रोत है जो अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में अत्यधिक मात्रा में उपलब्ध है। सूर्य से पृथ्वी पर अधिक मात्रा में ऊर्जा पहुँचती है तथा पृथ्वी पर इसका इस्तेमाल विद्युत् उत्पन्न करने में भी किया जाता है। विज्ञान एवं तकनीक में होने वाले विकास की मदद से मनुष्य ने ऐसी तकनीक ईजाद कर ली है जिससे धरती पर पड़ने वाली सूरज की किरणों को विज्ञान एवं तकनीक की मदद से विद्युत् में परिवर्तित किया जाता है। हर साल सूर्य से पृथ्वी पर पहुंचने वाली ऊर्जा की मात्रा धरती पर पाए जाने वाले समस्त कोयले, तेल, गैस आदि की मात्रा से 130 गुना अधिक है। पृथ्वी पर पड़ने वाली यह सूरज की किरणें बहुत सालों से यहाँ उपलब्ध हैं तथा वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 500-600 करोड़ सालों तक सूरज की किरणें धरती पर उपलब्ध रहेंगी तथा इसी प्रकार हम सौर ऊर्जा से विद्युत् उत्पन्न कर अपनी ज़रूरतों को पूरा कर सकेंगे।
दुनियाभर में सौर ऊर्जा का प्रचलन अब तेज़ी से बढ़ रहा है क्योंकि लोग पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक हो रहे हैं तथा पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से उत्पन्न होने वाली बिजली की कीमत ज़्यादा होने के कारण भी लोग सौर ऊर्जा का अधिकतम इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर कोई राष्ट्र विकसित राष्ट्र की श्रेणी में आना चाहता है तो उसके लिए ऊर्जा के पर्याप्त स्रोत का होना अति आवश्यक है। ऐसे में सौर ऊर्जा का अधिकतम एवं सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने वाला राष्ट्र विकसित राष्ट्र बनने की कतार में एक पायदान ऊपर पहुंच ही जायेगा। सौर ऊर्जा को विद्युत् में परिवर्तित करने के लिए सोलर पैनलों का उपयोग किया जाता है जिसमे फोटोवोल्टिक सेल लगे होते हैं और ये सेल सोलर पैनल पर पड़ने वाली धूप को विद्युत् में परिवर्तित कर देते हैं।
अगर आप भी पहली बार सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल करना चाहते हैं और अपने घर में सौर पैनल लगवाना चाहते हैं तो ज़ाहिर सी बात है कि आपको सौर ऊर्जा, सौर पैनल आदि के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। यहाँ हम आपको सौर ऊर्जा के बारे में विस्तार से बताएँगे।
सौर ऊर्जा क्या है?
सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। वैसे तो सौर ऊर्जा का इस्तेमाल पेड़-पौधों, जीव जंतुओं एवं जलवायु द्वारा किया विभिन्न स्तर पर किया जाता है लेकिन आजकल सौर ऊर्जा से विद्युत् उत्पन्न करने का भी प्रचलन बढ़ गया है। सौर ऊर्जा से विद्युत् उत्पन्न करने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है।
सोलर पैनल क्या है और यह कैसे काम करता है?
पैनल वो उपकरण होता है जिसकी मदद से सूरज की किरणों को विद्युत् में परिवर्तित किया जाता है। सूर्य से निकलने वाली किरणों में जो कण पाए जाते हैं उन्हें फोटोन कहा जाता है। इन फ़ोटॉन को सोलर पैनलों की मदद से ऊष्मा या विद्युत् में परिवर्तित करने के लिए ही सोलर पैनलों का इस्तेमाल किया जाता है। सोलर पैनलों में फोटोवोल्टिक सेल लगे होते हैं जो सिलिकॉन से बने होते हैं। जब सूर्य की रौशनी इन सेल पर पड़ती है तो फ़ोटॉन की ऊर्जा अवशोषित हो जाती है और ऊपरी परत में पाए जाने वाले इलेक्ट्रॉन सक्रिय हो जाते हैं। धीरे धीरे यह ऊर्जा पूरे पैनल में प्रवाहित होती है और इस प्रकार विद्युत् का उत्पादन होता है।
सोलर पैनल का महत्त्व
सोलर पैनल का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे हम पर्यावरण को नुक्सान पहुँचाए बिना बिजली उत्पन्न करते हैं। सोलर पैनल से विद्युत् उत्पन्न करने पर किसी भी प्रकार की विषैली गैस का उत्सर्जन नहीं होता है, न ही किसी प्रकार से ध्वनि प्रदूषण होता है एवं इसमें विद्युत् उत्पादन के दौरान वायु प्रदूषण भी नहीं होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है और आजकल खेती में भी सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का भरपूर उपयोग हो रहा है तथा सरकार ने भी भारत के किसानों के लिए बेहतरीन परियोजनाओं की शुरुआत की है।
इसके साथ ही आप सौर पैनल अपने घरों में, वाणिज्यिक इमारतों, कंपनियों आदि में भी लगवा सकते हैं। यही नहीं सौर ऊर्जा का विस्तार ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी हो चुका है जहाँ सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहन का निर्माण होना शुरू हो गया है। इसी वर्ष भारत में मेट्रो स्टेशनों पर भी सोलर पैनल इनस्टॉल किये हैं तथा भविष्य में यह संख्या बढ़ने की संभावना है।
सौर ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है तथा इसका इस्तेमाल करके आप पर्यावरण को होने वाली क्षति रोक सकते हैं, बिजली के भारी बिल से छुटकारा भी पा सकते हैं तथा सरकार द्वारा शुरू की गयी विभिन्न परियोजनाओं का भी भरपूर लाभ उठा सकते हैं। अब जब आपको सौर ऊर्जा के बारे में पूरी जानकारी है तो उम्मीद है कि आप इस दिशा में सोचा समझा निर्णय लेंगे।
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