सोलर ऊर्जा की उपयोगिता और महत्व तेज़ी से बढ़ता जा रहा है यही वजह है कि सोलर प्लांट औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर निकल कर रिहायशी इलाकों तक पहुँच गए है। बिजली उत्पादन के सीमित साधन और वितरण की अनियमितताओं को कम करने में सोलर ऊर्जा काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सोलर पैनल , सोलर प्लांट, सोलर ऊर्जा वितरण योजना को लेकर सरकारी और निजी क्षेत्र बेहतर प्रयास कर रहे हैं। सोलर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने और सोलर प्लांट को घर-घर तक पहुंचाने के लिए सस्ती दरों पर सामग्री से लेकर आसान सोलर पैनल ऋण की व्यवस्था बनायी जा रही है। इन योजनाओ में सोलर प्लांट लगाने के लिए एकमुश्त रकम अदायगी से बचाने से लेकर सोलर के लिए बैंक ऋण के चरणों को आसान बनाया गया है। जहाँ निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों के बैंक निम्न ब्याज दर पर ऋण मुहैया करा रहे है।
सोलर प्लांट के प्रकार –
सोलर प्लांट को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में रखा गया है पहला आवासीय और दूसरे व्यवसायिक या औद्योगिक। एक से दस किलोवाट क्षमता वाले सोलर प्लांट आवासीय श्रेणी में आते हैं जबकि दस किलोवाट से अधिक क्षमता वाले प्लांट को व्यवसायिक श्रेणी में रखा गया है। आवासीय सोलर प्लांट के लिए बैंक द्वारा होम लोन इम्प्रूवमेंट के तहत लोन दिया जाता है और सरकार सब्सिडी देती है वही व्यवसायिक सोलर प्लांट सब्सिडी से बाहर हैं।
सोलर पैनल का चुनाव –
सोलर प्लांट या सोलर पैनल लगाने के लिए सबसे पहले आपको आधारभूत जानकारी ,जुटानी चाहिए। इसके लिए आप निजी सोलर कम्पनी जीनस या फिर सरकारी टोल फ्री नंबर पर फोन कर सकते हैं। इस ज़रूरी जानकारी में सोलर प्लांट के लिए उपयुक्त जगह, कितने पावर का सोलर पैनल लगाना, कितनी लागत और ऊर्जा वितरण की व्यवस्था शामिल है। इसके बाद या तो आप सीधे बैंक शाखा में जा सकते है या फिर सोलर कम्पनी एजेंट से संपर्क कर सकते हैं। सोलर ऊर्जा के लिए जाने वाला लोन चार से पांच साल की अवधि के लिए दिया जाता है। लोन लेने के लिए आपके पास पर्याप्त जगह, बैंक खाता, पहचान पत्र , आमदनी का विवरण आदि सभी दस्तावेज होने चाहिए। सोलर प्लांट के लिए लोन आवेदन करने से पहले आप संबंधित बैंक की वेबसाइट या फिर दिए गए फोन नंबर के ज़रिये आप अपनी लोन की पात्रता का पता कर सकते हैं।
डेबिट कार्ड होल्डर और प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत सोलर लोन –
सोलर पैनल लोन के लिए सबसे ज़रूरी है की आपका किसी भी बैंक में खाता हो। इस खाते के आधार पर आपको एक डेबिट कार्ड जारी किया जाता है, कई निजी और सरकारी बैंक आपके इसी डेबिट कार्ड की योग्यता के आधार पर आपको ऋण मुहैया करा देते हैं। जबकि दूसरी तरफ अगर आपका खाता प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत चल रहा है तो भी आप सोलर ऊर्जा प्लांट के लिए लोन का आवेदन कर सकते हैं।
75 से 80 फीसदी रकम का लोन –
सोलर पैनल आवासीय श्रेणी में लगाने के लिए सामान्य तौर पर 30 हज़ार से लेकर तीन लाख रूपए की लागत आती है। सोलर पैनल की बढ़ती क्षमता के आधार पर निर्माण की लागत बढ़ जाती है। ज़रूरी कागज़ात बैंक में जमा कराने और आपका ऋण पास हो जाने की हालत में प्लांट की कुल रकम का 80 फीसदी तक ऋण आपको मिल जाता है। यानी आपको लागत का कुल 20 फीसदी एकमुश्त खर्च करना पड़ता है। खेती के क्षेत्र में कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को कुल रकम का मात्र 10 फीसदी ही खर्च करना पड़ता है क्योंकि बाकी की रकम बैंक ऋण के तौर पर संबंधित कम्पनी को दे देता है। इस तरह के लोन SBI की सभी कॉरपोरेट अकाउंट ग्रुप ब्रांच, मिड कॉरपोरेट ग्रुप ब्रांच और SMI ब्रांच उपलब्ध कराएंगी. लोन के लिए ब्याज दर SBI की 1 साल की MCLR प्लस 0.2 फीसदी से लेकर 0.5 फीसदी तक अतिरिक्त ब्याज दर रहती है। लोन चुकाने के लिए ग्राहक को 15 साल तक की समय सीमा दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने निकटम SBI बैंक में संपर्क करे।
भरोसेमंद सोलर कम्पनी को चुनें-
सोलर पैनल निर्माण के लिए खुले बाज़ार में बहुत सारी कंपनियां कार्य कर रही है। ये सभी सोलर पैनल लगाने और बैंक लोन के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ ग्राहकों को सेवाएं दे रही हैं। सोलर पैनल लगाने के लिए सबसे ज़रूरी है की आप तकनीकी और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हो जाएँ। इस तैयारी के लिए सोलर कम्पनी आपको सहायता देती है। बाजार में आपको अन्य के मुकाबले काफी सस्ते दामों पर सोलर पैनल लगाने के विकल्प मिल सकते हैं लेकिन सोलर प्लांट लगवाने से पहले आप संबंधित सोलर कम्पनी की विश्वसनीयता की जांच अवश्य कर लें। सोलर ऊर्जा क्षेत्र की बात करें तो जीनस एक विश्वसनीय कम्पनी है जो की घरेलू, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में सोलर पैनल लगाने से लेकर सोलर प्लांट के रखरखाव में व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है।