भारत में बिजली कटौती की समस्या आम होने के कारण भारतीय घरों में पावर इंवर्टर या यूपीएस का इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है। लेकिन जैसे जैसे लोग जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक हो रहे हैं, ऐसे में पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में लोगों की रुचि बढ़ती नज़र आ रही है। परिणाम स्वरूप भारत में लोग सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं तथा लोगों को सौर ऊर्जा के प्रति जागरूक करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने भी विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत की है। आपने भी अक्सर सोलर इंवर्टर के बारे में पढ़ा या सुना होगा लेकिन सोच रहे होंगे कि आपके घर मे लगा साधारण इंवर्टर भी सौर ऊर्जा से चल सकता है या नहीं। हम यहाँ आपको बताएँगे कि आप अपने इंवर्टर को सौर ऊर्जा से कैसे चला सकते हैं।
इंवर्टर एक ऐसा उपकरण होता है जो पावर हाउस से आने वाले डाइरैक्ट करंट को अलटेरनेट करंट में बदलता है। अगर आपके घर में मौजूदा इंवर्टर में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी है तो आप इसे सौर ऊर्जा पर चलने वाले इंवर्टर में एक्स्चेंज कर सकते हैं और वो भी बहुत ही किफ़ायती दामों में।
घर में लगे साधारण इंवर्टर को सोलर इंवर्टर में बदलने के लिए एक उपकरण आता है जिसे सोलर कन्वर्शन किट भी कहा जाता है जिसकी मदद से आप बेहद आसानी से अपने घर के साधारण इंवर्टर को सौर ऊर्जा पर चलने वाले इंवर्टर में बदल सकते हैं।
जानें कि यह किट कैसे काम करती है। जैसा कि हम जानते हैं सोलर सेल (जिसे फोटोवोल्टइक सेल भी कहा जाता है) वे सूरज के किरणों को सीधे ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं। इस किट की मदद से किसी भी साधारण इंवर्टर या बैटरी सोलर इंवर्टर में बदला जा सकता है। यह एक प्रकार का उपकरण होता है जिसे आप अपने मौजूदा इंवर्टर मे जोड़ सकते हैं और सिस्टम को हाइब्रिड बना सकते हैं। सोलर हाइब्रिड से साधारण इंवर्टर को जोड़कर आप इसमे सोलर पैनल भी जोड़ सकते हैं और बिजली कटौती के समय इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
अपने घर के साधारण इंवर्टर को सौर इंवर्टर में बदलना आपके लिए बेहद फ़ायदेमंद हो सकता है। आइये जानते हैं कि इसके फायदे क्या होंगे:
- वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन की समस्या बेहद गंभीर हो चुकी है और ऐसे में अधिकतम लोग पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को छोड़कर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। सौर ऊर्जा भी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत का ही उदाहरण है तथा सौर ऊर्जा की मदद से बिजली उत्पन्न करने में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन न्यूनतम होता है और यह पर्यावरण के लिए बेहद फ़ायदेमंद है।
- सौर ऊर्जा पर चलने वाले उपकरणों की आयु एवं दक्षता भी बेहतरीन होती है जिसकी मदद से आप बिजली बिल में भी कटौती कर सकते हैं। पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की कमी के कारण इन ऊर्जा स्रोतों की कीमत भी बहुत ज़्यादा है और इसी कारण से इन स्रोतों से उत्पन्न बिजली के बिल भी ज़्यादा आता है। लेकिन सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाला इंवर्टर आपके बिजली के बिल को कम करता है तथा उपकरणों की दक्षता भी बढ़ाता है।
- सोलर इंवर्टर की कीमत और लागत जेनरेटर की तुलना में कम होती है जिससे आप अतिरिक्त पैसे भी बचा सकते हैं और पर्यावरण को क्षति होने से भी बचा सकते हैं क्यूंकी अक्सर पावर कट के दौरान लोग जेनरेटर का इस्तेमाल करते हैं जो डीजल से चलता है एवं पर्यावरण को भी नुकसान है।
भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण साल भर सूरज की किरणें धरती पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहती हैं और ऐसे में सौर ऊर्जा पर चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करने से बेहतरीन फ़ायदे मिल सकते हैं।
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