इन्वर्टर खरीद रहे हैं तो रखें इन बातों का ख्याल | इन्वर्टर का चुनाव
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इन्वर्टर खरीद रहे हैं तो रखें इन बातों का ख्याल

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क्या  आप भी पावर कट की परेशानी से जूझ रहे हैं? बिजली गुल होने से आपके ज़रूरी कामों में अड़चन आ रही है? अगर हाँ तो इन्वर्टर आपके लिए उपयोगी है और एक बढ़िया विकल्प के रूप में काम कर सकता है। व्यवसायिक गतिविधि हो या फिर घरेलू  काम- काज, इन्वर्टर के ज़रिये आप हर जगह पावर बैकअप बनाये रख सकते हैं। सही और सुचारु बैकअप व्यवस्था के लिए ज़रूरी है कि इन्वर्टर से जुडी कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए  जैसे कि सही इन्वर्टर का चुनाव , इन्वर्टर की कीमत ,सही पावर इन्वर्टर का चुनाव ,इन्वर्टर पावर का चुनाव, इन्वर्टर की क्षमता, किफायती बिजली उपकरण आदि।

क्षमता के आधार पर इन्वर्टर का चुनाव – 

इन्वर्टर लेने से पहले घर में इस्तेमाल होने वाले बिजली उपकरणों की लिस्ट बना लें, ताकि उसके आधार पर पर्याप्त क्षमता वाला पावर इन्वर्टर चुना जा सके। उदाहरण के तौर पर एक पंखा  जो कि (60 वॉट)  ,  टीवी (100 वॉट) , लैपटॉप (50 वॉट) , फ्रिज (150 वॉट) , सीएफएल (5-10 वॉट)   आदि  के लिए लगभग 470  वीए  का इन्वर्टर पर्याप्त  होता है।  इसी क्रम  में आप अपने घर के एप्लाइंसेस कम कर सकते हैं या फिर अधिक क्षमता वाले इन्वर्टर का चुनाव कर सकते हैं।  

1. इन्वर्टर का प्राइस – चूँकि बाज़ार में अलग अलग तरह के इन्वर्टर मौजूदा हैं तो आप अपनी जेब के मुताबिक इन्वर्टर का चुनाव कर सकते हैं। घरेलू उपयोग के लिए सामान्य तौर पर पांच हज़ार से बीस हज़ार रुपयों की कीमत वाले इन्वर्टर को प्राथमिकता दी जाती है। इलेक्ट्रिकल से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक कम प्राइस वाले इन्वर्टर कई बार घरेलू उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इन्वर्टर के प्राइस के साथ साथ उसकी पावर क्षमता पर भी ध्यान दें। 

2. इन्वर्टर बैटरी और सर्विस सुविधा – नया इन्वर्टर खरीदते समय बैटरी की जांच सही ढंग से करें। कुछ कम्पनी इन्वर्टर के साथ बैटरी देतीं है तो कुछ अलग से खरीदने का विकल्प प्रदान करती हैं।  घर के लोड के हिसाब से बैटरी का चुनाव करें ताकि इन्वर्टर की पावर उपकरणों को चला सके। इसके साथ साथ इन्वर्टर और बैटरी से सम्बंधित ग्राहक सर्विस सेवा को भी ठीक से समझें। चूँकि लम्बे समय तक सही तरह से काम करने के लिए इन्वर्टर को सही समय पर सर्विस मिलना जरूरी है।  

3. इन्वर्टर-  यूपीएस और वी ए  रेटिंग – यूपीएस और इन्वर्टर दोनों ही पावर बैकअप  के रूप में काम करते हैं।  इलेक्ट्रिकल एप्लाइंसेस की रेटिंग वॉट में होती है जबकि इन्वर्टर और यूपीएस वी ए  रेटिंग बैक अप  देते हैं। अलग अलग लोग दावा करते हैं की इन्वर्टर और घरेलू उपकरणों की रेटिंग एक  समान  है जबकि ऐसा नहीं होता।  घरेलू उपकरणों के सही संचालन के लिए हाई  वी ए  रेटिंग वाले इन्वर्टर की आवश्यकता होती है।   

4. इन्वर्टर प्राइस और वारंटी –  ये ज़रूरी नहीं की अधिक प्राइस वाले इन्वर्टर का वारंटी टाइम लंबा हो और कम प्राइस वाले में कम वारंटी। इन्वर्टर खरीदते समय हमें  वारंटी समय और इन्वर्टर प्राइस दोनों की तुलना कर लेनी चाहिए। हमेशा हाई पावर वीए  इन्वर्टर का चुनाव करें ताकि वारंटी का लंबा समय मिल सके। । 

5. ट्यूबलर बैटरी का चुनाव   ट्यूबलर बैटरी घरेलू या दफ्तर में लगे इन्वर्टर के लिए सबसे बढ़िया  होती है।  अन्य बैटरी के मुकाबले ये अधिक लोड वहन करती है जबकि  इसकी लाइफ भी लम्बे समय तक रहती है।  इसलिए ट्यूबलर बैटरी का चुनाव हमेशा फायदेमद रहता है।  बैटरी लेते समय उसकी कंडीशन ,  मैनुफक्चरिंग डेट और कम्पनी की सील की जांच कर लें। साधारण रूप से बैटरी की दो से लेकर चार साल तक वारंटी प्रदान की जाती है।

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पावर इन्वर्टर का उपयोग एक तरफ जहाँ गर्मी में आपको राहत देने का काम करेगा वहीँ इसके ज़रिये आपके दैनिक कार्य भी बिना किसी रुकावट के पूरे होंगे।

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