भारत में तकनीक के क्षेत्र में रोज़ नए बदलाव देखने को मिलते हैं जिन बदलावों के कारण अपनी दैनिक ज़रूरतों को पूरा करना बहुत आसान हो गया है। इन्हीं आधुनिक तकनीकों में से सोलर पैनल भी एक ऐसी ही तकनीक है जिससे हमारे घर, ऑफिस आदि की ज़रूरतें पूरी होती हैं। सोलर पैनल में सूरज की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है जिससे बिजली उत्पन्न होती है। सोलर पैनल घर की छतों पर लगाए जाते हैं जिससे आसानी से घरों में बिजली से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। जीवाश्म, पेट्रोलियम, आदि जैसे ऊर्जा स्रोत कभी भी समाप्त हो सकते हैं और इनकी बढ़ती कीमतों के कारण लोगों ने सौर ऊर्जा को अपनाना शुरू कर दिया है। आधुनिक तकनीक की मदद से सौर ऊर्जा को विस्तृत क्षेत्र मिला है जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र भी शामिल है जहाँ सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहन उपलब्ध हैं।
क्या आप ऐसी दुनिया की कल्पना कर सकते हैं जहाँ आपको अपने वाहन को चलाने के लिए ईंधन, या पेट्रोल पर एक भी रुपया देने की ज़रूरत न पड़े? सौर ऊर्जा ने आपके लिए ऐसी ही एक दुनिया बनाई है जहाँ आपको वाहनों पर ईंधन के खर्च की परवाह नहीं करनी होगी क्योंकि यह युग सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों का युग है। अब प्रदूषण को लेकर सतर्क जनता ने पर्यावरण सम्बन्धी कठिनाइयों को समझना शुरू कर दिया है और ऐसे में सौर ऊर्जा को अपनाना पर्यावरण संरक्षण के लिए बहुत फ़ायदेमंद है। सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करने में अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में कम प्रदूषण होता है और पर्यावरण को न्यूनतम नुक्सान होता है। यही कारण है कि आज सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ गयी है और घरेलू ज़रूरतों के साथ-साथ ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सौर ऊर्जा का प्रचलन बढ़ गया है।
घरों में इस्तेमाल होने वाले सोलर पैनल की ही तरह सोलर कार भी सूरज की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं जिससे कार की बैटरी को ईंधन की मदद मिलती है। सोलर कार में भी फोटोवोल्टिक सेल की मदद से सूरज की किरणों को बिजली में परिवर्तित किया जाता है और इससे कार की बैटरी को चलाने में मदद मिलती है। अन्य उपलब्ध ऊर्जा स्रोतों में से सौर ऊर्जा ही एकमात्र ऐसी ऊर्जा है जो हमारी ज़रूरतों को पूरा करने में पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान पहुँचाती है। आने वाले समय में सौर ऊर्जा का प्रचलन और तेज़ी से बढ़ेगा क्योंकि सौर ऊर्जा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और नवीनीकरण की ख़ासियत के कारण सौर ऊर्जा अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में बेहतरीन मानी जाती है। सौर ऊर्जा अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में सस्ती है और आने वाले समय में इसकी कीमत में भारी गिरावट आने वाली है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों की मांग बढ़ गयी है जहाँ इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक बाइक आदि का प्रचलन है।
सोलर वाहनों की ज़रूरत
वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन की गंभीर स्थिति देखते हुए ऑटोमोबाइल क्षेत्र ने सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहन बनाये हैं जिससे जीवाश्म आदि पर निर्भरता को कम करके पर्यावरण संरक्षण में मदद की जा सके। हमारी दैनिक ज़रूरतों के लिए बेहद फ़ायदेमंद वाहनों को भी अब सौर ऊर्जा से संचालित किया जा सकता है. आने वाले दिनों में हम देखेंगे कि सोलर एनर्जी से चलेंगे ऑटो रिक्शा, कार, साइकिल, मोटरबाइक आदि वाहन।
बढ़ते शहरीकरण के कारण प्रदूषण की मात्रा में गंभीर बढ़ोत्तरी देखी जा रही है और ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 शहर भारत के ही हैं। यह उम्मीद की जा रही है कि इलेक्ट्रिक वाहन इन शहरों में प्रदूषण कम करने में कारगर साबित होंगे। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सौर ऊर्जा ने बहुत तेज़ी से नयी जगह बना ली है। यही कारण है कि दुनियाभर की ऑटोमोबाइल कंपनियों ने सौर पर चलने वाले कार को भी सड़कों उतार दिया है ताकि लोगों को सुविधा हो सके और पर्यावरण की सुरक्षा।
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सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों की मदद से आयात किये गए पेट्रोल जैसे ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी और भारत की ऊर्जा सुरक्षा भी मज़बूत होगी। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सौर ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों के कारण भारत की विकास दर में भी वृद्धि होगी और वैश्विक स्तर पर भारत को नयी पहचान मिलेगी। बदलते समय के साथ-साथ सौर ऊर्जा का क्षेत्र विस्तृत हो रहा है और लोगों में जागरूकता के कारण लोग सौर ऊर्जा से संचालित वाहनों का उपयोग कर रहे हैं।
डीज़ल, पेट्रोल जैसे ईंधन पर चलने वाली कार से कार्बन डाई ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस का उत्सर्जन होता है जिससे हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को अपूरणीय क्षति हो रही है। सोलर वाहनों को इस तरह बनाया जाता है ताकि उनका वज़न कम रहे और उन्हें सुव्यवस्थित करने में भी आसानी हो सके। सोलर वाहनों में सोलर ट्रैकिंग डिवाइस भी लगी होती हैं जिसके कारण सोलर पैनल स्वतः ही उस दिशा में मुड़ जाता है जिधर सूरज की किरणें होती हैं और इससे अधिकतम सूरज की किरणों को विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।
सोलर कार में लगे सोलर पैनल के सेल सिलिकॉन से बने होते हैं, जो सूरज की किरणों से विद्युत उत्पन्न करते हैं।सोलर कार दो तरह से चलती हैं, सोलर बैटरी के इस्तेमाल से और डायरेक्ट कार की बैटरी को सोलर पैनल से जोड़कर। पर्यावरण की सुरक्षा और अपने पैसों की बचत करने के लिए आपको सोलर पैनल पर चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल करना चाहिए। सौर ऊर्जा से ऑटोमोबाइल उद्योग को नयी तकनीक और आधुनिकता मिली है।आज दुनियाभर में ऐसे वाहन बन चुके हैं जो पूरी तरह सौर ऊर्जा पर चलते हैं।दुनियाभर के लोग विभिन्न कारणों से इन वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।आधुनिक तकनीक के आधार पर बने इन सोलर वाहनों के लिए सोलर पैनल वाले चार्जिंग स्टेशन भी बने हैं जहाँ आप आसानी से अपने वाहनों को चार्ज भी कर सकते हैं। प्रदूषण की समस्या बेहद गंभीर समस्या के रूप में उभरकर सामने आयी है और ऐसे में सौर ऊर्जा, सोलर पैनल और सोलर वाहनों के बढ़ते प्रचलन से प्रदूषण कम किया जा सकता है।
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